चलिए देखते है मनरेगा में मेट की मजदूरी कितनी है और मेट कौन बन सकता है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 में लागु किया गया था इसके तहत जॉब कार्ड धारक को प्रति वर्ष 100 दिन का रोजगार देना तय किया था.
ग्रामीण इलाकों में प्रत्येक गाँव में मेट होते है जो नरेगा में काम करने वाले मजदूरों से कार्य करवाते है और उनकी देख रेख करते है. परन्तु इनको भी उतनी ही दिहाड़ी मिलती है जितनी नरेगा मजदूर को मिलती है और उतने ही दिन काम मिलता है जितने दिन मनरेगा मजदूर को कार्य मिलता है. मेट बनने के लिए व्यक्ति थोड़ा पढ़ा लिखा होना चाहिए और मेट को ग्राम सभा में एक प्रस्ताव डालकर चुन लिया जाता है.
मनरेगा में मेट की मजदूरी कितनी है
नरेगा में मेट की सैलरी या मजदूरी उतनी ही होती है जितनी मनरेगा में कार्य करने वाले मजदूर या व्यक्ति की होती है. जैसे हरियाणा में नरेगा की दिहाड़ी 309 रुपए प्रति दिन है तो इतनी ही मजदूरी मेट की होती है. राज्य के अनुसार मजदूरी लिस्ट निचे टेबल में देख सकते है.
राज्य का नाम | मेट को प्रतिदिन मनरेगा में मिलने वाली मजदूरी की राशी |
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आंध्र प्रदेश | 237 रु |
अरुणाचल प्रदेश | 205 रु |
असम | 213 रु |
बिहार | 194 रु |
छत्तीसगढ़ | 190 रु |
गुजरात | 224 रु |
गोवा | 280 रु |
हरियाणा | 309 रु |
हिमाचल प्रदेश | 198 रु और 248 रु |
जम्मू और कश्मीर | 204 रु |
झारखंड | 194 रु |
केरल | 291 रु |
कर्नाटक | 275 रु |
महाराष्ट्र | 238 रु |
मध्य प्रदेश | 190 रु |
मणिपुर | 238 रु |
मेघालय | 203 रु |
मिजोरम | 225 रु |
नागालैंड | 205 रु |
उड़ीसा | 207 रु |
पंजाब | 263 रु |
राजस्थान | 220 रु |
सिक्किम | 205 रु |
तमिल नाडू | 256 रु |
त्रिपुरा | 205 रु |
तेलंगाना | 237 रु |
उत्तर प्रदेश | 201 रु |
उत्तराखंड | 201 रु |
पश्चिम बंगाल | 204 रु |
तो इस आर्टिकल में आपको पता चल गया होगा की मनरेगा में मेट की मजदूरी कितनी है और मेट के लिए पात्र व्यक्ति को गाँव की ग्राम सभा में एक प्रस्ताव डालकर चुन लिया जाता है. नरेगा में मेट और मजदूर को मिलने वाली दिहाड़ी राशी कई राज्यों में हर साल बढ़ाई जाता है.
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